जैन तीर्थ नाकोड़ा परिसर में पिछवाडे वाली 1200 फीट ऊँची भाखरी पर जैन धर्मावलम्बियों के गिरनार तीर्थ की कल्पना के आधार श्री नेमिनाथ भगवान की छतरी का निर्माण करवाया गया है। जों वर्तमान में श्री नेमिनाथ जी की टूंक अर्थात् नाकोड़ा तीर्थ का गिरनार पहाड़ पर सेलावत तालाब के किनारे वि.सं. 2018 में श्री नेमिनाथ भगवान की छतरी का निर्माण करवाकर उसमें श्यामवर्णी श्री नेमिनाथ भगवान की चरण पादुका स्थापित कर दी गई है। इस चरण पादुका के आजू- बाजू वि.सं. 2021 में श्री शांतिनाथजी एवं श्री पार्श्वनाथजी की चरण पादुकाएं स्थापित कर इसकी प्रतिष्ठा आचार्य श्रीमद्विजय हिमाचल सूरीश्वरजी ने करवाई।

 

नाकोड़ा के गिरनार पहाड़ पर बनी श्री नेमिनाथ भगवान की टूंक के दर्शन करने के लिये यात्रियों को जमीन तल से कुल 530 पक्की सीढियाँ चढ़नी पड़ती है। जमीनतल से सीढियाँ चढ़ने पर 225 सीढियों के बाद श्री रूपादेवीजी का मंदिर बाद में 190 सीढियां चढ़ने पर श्री दादाजी (श्री जिनकुशल सूरिजी दादावाड़ी) एवं यहाँ से 118 सीढियां चढ़ने पर श्री नेमिनाथजी की टूंक अर्थात् छतरी के दर्शन सम्भव होते है। जैन तीर्थ नाकोड़ा की यात्रा पर आने वाले यात्री इस श्री नेमिनाथजी टूंक के श्रद्धा के साथ दर्शन करते हुए नाकोडा तीर्थ के विहंगम प्राकृतिक दृश्य देखने का आनन्द उठाते है।