जैन तीर्थ नाकोड़ा की यात्रा पर आने वाले यात्रियों, कर्मचारियांे,आस पास के ग्रामीणों आदि की चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने के लिये तीर्थ ने सन् 1975 में भगवान महावीर 2500 वां निर्वाण महोत्सव वर्श में ‘श्री नाकोड़ा भैरव चिकित्सालय’ भवन बनाकर इसमें चिकित्सालय आरम्भ कर दिया। इससे पूर्व सन् 1973 में तीर्थ परिसर के एक कक्ष में चिकित्सालय चलाया जाता रहा। वर्तमान में प्रतिवर्श करीबन 15 हजार से अधिक मरीज उपचार करवाने का लाभ लेते है। तीर्थ की तरफ से चिकित्सालय निःषुल्क चलाया जा रहा है। इस ऐलोपैथी चिकित्सालय के अतिरिक्त सन् 2000 में ‘श्री नकोड़ा भैरव आयुर्वेदिक औशधालय’ भी निःष्ुाल्क संचालित किया जा रहा है। जसमें भी प्रतिवर्श पांच हजार से अधिक मरीजो का उपचार किया जाता है। तीर्थ मंे मरीजों को अन्यत्र ले जाने के लिये एम्बूलेन्स वाहन आदि की भी व्यवस्था है।
जैन तीर्थ नाकोड़ा की तरफ से तीर्थ में ऐलोपैथी व आयुर्वेदिक औशधालय चलाने के अतिरिक्त बालोतरा में ‘श्री नाकोड़ा भैरव होम्योपैथी चिकित्सालय’ भी संचालित किया जा रहा है। जिससे वर्श भर में 15 हजार लोग लाभान्वित होते है।
इन चिकित्सालय के अतिरिक्त तीर्थ पर समय - समय पर आंखो एवं अन्य बिमारियों से मुक्ति दिलाने हेतु षिविर भी लगाये जाते रहे है। इतना ही नहीं तीर्थ की तरफ से कई चिकित्सा एवं स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाओं को चिकित्सा सेवा के लिये आर्थिक सहयोग भी दिया जाता रहा है। चिकित्सा, स्वास्थ्य से सम्बंधित सरकार की तरफ से आयोजित अभियानो में भी तीर्थ सहयोग देता रहा है।